एक मां कभी बेवफा नहीं होती
चैप्टर 42 एक मां कभी बेवफा नहीं होती
"सिंह मेंशन"
महेंद्र और यशवंत (महेंद्र के पापा) दोनो बैठे कुछ बात कर रहे थे यशवंत कहता है "पहले उस निकिता ने फिर इस मीरा ने, इन दोनो ने हमारे सारे किये कराये पर पानी फेर दिया हैं उन दोनो को बचाने के लिए उस निकिता ने इतना सब किया पहले उस सिद्धार्थ को बचाने के लिए उसकी बहन ने हर हद पार कर दी और अब ये तेरा बेटा"
थोड़ी देर कुछ सोचकर यशवंत कहता है "वो अकेली थी तब हम उसे नही हरा पाए अब वो तीनो साथ हैं"
और सबसे बड़ी मुसीबत ये है की वो अबीर राइज़ादा और वो रंधीर सब उसके साथ है "और इन सबको हराना मुश्किल है" महेंद्र कुछ सोचते हुए कहता है "अगर इन्हे तोड़ कर अलग कर दिया जाए" यशवंत कहता है
"इन सब को जोड़ने वाला धागा वो मीरा है और उसे तोड़ना मुश्किल है"
यशवंत कुछ देर सोचता है फिर कहता है अब "डी जे" को बुलाने का वक़्त आ गया है "वो उस (मीरा) लड़की की रिश्तों की माला को तोड़ देगा
" अब वक़्त है खून के रिश्तों का,, दिल के रिश्तों पर भारी पड़ने का " दोनो बाप बेटे हसने लगते हैं..
शौर्य का कमरा
शौर्य बालकनी मे खडा सामने देख रहा था तभी मीरा पीछे से उसके गले लग जाती है उसके गले लगते ही शौर्य की आँखे बंद हो जाती है मीरा के दोनो हाथ शौर्य के सीने पर थे
"मुझे माफ कर दीजिये,, ...मुझे आपका करीब आना बुरा नही लगता है लेकिन मैं क्या करू मुझे अजीब सा लगता है"
"मै आपसे प्यार करती हु" तबसे जब आप मुझे जानते भी नही थे "लेकिन किस्मत ने मुझे आपसे दूर कर दिया"
उस वक़्त मै आना चाहती थी लेकिन मेरी ममता ने मुझे रोक दिया "एक औरत हर रिश्ते मे बेवफाई कर सकती है" लेकिन "एक माँ कभी बेवफा नही होती"
"मै आपसे बहुत प्यार करती थी करती हूँ और मरते दम तक करती रहूँगी"
मीरा खामोश हो जाती है उसे खामोश देख शौर्य उसकी तरफ मुड़ जाता है और उसकी आँखो मे देखने लगता है मीरा अपनी नज़रे झुका लेती है शौर्य उसकी इस हरकत पे मुस्कुरा देता है और उसकी कमर मे हाथ डालके उसे अपने करीब कर लेता..
फिर उसे देखते हुए कहता है..
"हम तो तारीफ लिखने बैठे थे उनके मुकम्मल हुस्न पर," "मगर ये अल्फाज़ ही थम गए उनकी झुकी नज़रे देखकर।"
उसकी शायरी सुन मीरा और ज़ादा अपनी गर्दन झुका लेती है और शौर्य के सीने से अपना सर लगा लेती है उसके चेहरे पर हल्की लाली और मुस्कान थी....शौर्य उसे अपनी बाहों मे भर लेता है मीरा उसकी बाहों मे पूरी तरह से छिप गई थी...
थोड़ी देर बाद मीरा उससे अलग होती है और कहती है "हमे चलना चाहिए" वो जाने लगती है तभी शौर्य उसे फिर से खीच कर अपने बाहों मे भर लेता है उसका एक हाथ मीरा की कमर पे था और दूसरा उसके सर के पीछे वो मीरा के होंठो पर अपने होठ रख देता है और उसे किस करने लगता है...
करीब दस मिनट बाद वो मीरा को रिहा करता है और उसकी कमर पे हाथ कसते हुए कहता है "मुझसे दूर कभी मत जाना" "वर्ना अगली बार मै क्या करूँगा मै भी नही जनता
मीरा खुद को ठिक करती है फिर दोनो नीचे आ जाते हैं राहुल , रिहान और सिद्धार्थ वही होते हैं मीरा तीनो के पास आ जाती है सिद्धार्थ कहता है "मुझे ऑफिस मे काम है"
शाम तक आ जाऊंगा मीरा उसे खयाल रखने का बोलती है फिर वो निकल जाता है...
मीरा रिहान से कहती है "राँधीर जी आयेंगे" रिहान हस्ते हुए कहता है "प्रिंसिमा आज कल वो खडूस जेलर सुधर गए है" फिर वो चारों स्कूल के लिए निकल जाते है...
राहुल के स्कूल
शौर्य का इम्पोरटेंट कॉल आ जाता है तो वो बात करने लगता है मीरा राहुल और रिहान के साथ अंदर आ जाती है
वही रंधीर और गीता रिहान का इंतज़ार कर रहे थे मीरा को ऐसे सुहागन के रूप मे देख रंधीर पूछता है "तुमने शादी कब की" मीरा कुछ बोलती उससे पहले ही रिहान एक्साइटेड होते हुए कहते है "प्रिंसिमा को कैसे पता होगा"
"वो तो बेहोश थी" उसकी बात सुन सब शॉक हो जाते हैं वहीं रंधीर पूछता है मतलब क्या है "तुमने किस्से शादी की है" फिर रिहान ही जवाब "ओहो जेलर साहब" सच मे आपका दिमाग "प्रिंसिमा के सामने काम नही करता"
"मिस्टर सिंघानिया ने इन्हे बेहोश करके इनसे शादी की" उसकी बात सुन रंधीर हसने लगता है उसे हस्ते देख मीरा सर झुका लेती है रंधीर उसके पास आके कहता है इंसान सही और सचा हो तो थोड़ी जबरदस्ती चलती है "आई एम हैप्पी फॉर यु" फिर वो सब आगे बढ़ जाते हैं लेकिन गीता बहुत गुस्से मे थी क्योंकि आज पहली बार रिहान उससे डर नही रहा था गीता गुस्से मे बड़बड़ाती है "इसे याद दिलाना पड़ेगा की मै कॉन हु" तभी उसे एक आवाज़ आती है
"सोचना भी मत" गीता पीछे मुड़ कर देखती है तो वहाँ मीरा खड़ी गुस्से मे उसे घूर रही थी मीरा आगे कहती है
"जो तब हुआ वो अब नही होगा" और अगर वो अब हुआ तो "मै तुम्हारे साथ क्या करूँगी" सोच भी नही सकती तुम इसलिए उससे दूर रहना क्योंकि मेरा करीब आना तुम बर्दाश्त नही कर पाओगी...
फिर वो भी वहाँ से चली जाती हैं वो चारों प्रिंसिपल ऑफिस जाते हैं तभी राहुल और रिहान को कुछ याद आता है राहुल कहता है मां हम "मार्कशीट लेकर आते हैं" मीरा हाँ कहती है
राहुल और रिहान चले जाते हैं रंधीर मीरा को देख रहा था मीरा उससे कहती है "कहिये क्या कहना चाहते हैं आप"
रंधीर एक गहरी सांस लेता है फिर कहना शुरू करता है "तुम क्या हो ये तो मै नही जनता लेकिन इतना जनता हु तुम ममता और प्यार की मूरत हो" उसकी बात सुन मीरा मुस्कुरा देती है फिर कहती हैं
मैं जबसे आप से मिली हु आपने मेरा बहुत साथ दिया है मुझे एक सोल्जर बनाया आपने लड़ने की ताकत बंदूक सब दिया है "एक वादा और मांगती हु आज"....
क्या वादा चाहती है मीरा रंधीर से.? और क्या करने वाली है गीता? जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ....
वानी #कहानीकार प्रतियोगिता